US Fed रेट कट का भारत पर क्या होगा असर? सस्ता कर्ज, मजबूत रुपया, दमदार सोना; एक्सपटर्स से समझें
US Fed Rate Cut impact on India: एक्सपर्ट मानते हैं कि यह यूएस फेड की ओर से एक बड़ा मूव है. उम्मीद से ज्यादा ब्याज दरों में कटौती की गई है. इसका असर आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार के साथ-साथ डॉलर, गोल्ड की कीमतों, रेपो रेट में कटौती, सस्ते आयात, और पूरी इकोनॉमी पर देखने को मिलेगा.
US Fed Rate Cut impact on India
US Fed Rate Cut impact on India
US Fed Rate Cut impact on India: अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक (US Fed) की ओर से करीब चार साल बाद ब्याज दरों में आधा फीसदी (0.5%) की बड़ी कटौती की गई. इस कटौती का असर दुनियाभर के बाजारों पर दिखाई दिया. गुरुवार (19 सितंबर) को भारतीय बाजारों में मजबूत शुरुआत हुई. एक्सपर्ट मानते हैं कि यह यूएस फेड की ओर से एक बड़ा मूव है. उम्मीद से ज्यादा ब्याज दरों में कटौती की गई है. इसका असर आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार के साथ-साथ डॉलर, गोल्ड की कीमतों, रेपो रेट में कटौती, सस्ते आयात, और पूरी इकोनॉमी पर देखने को मिलेगा.
RBI घटाएगा ब्याज दर, बढ़ेगा FII इनफ्लो
श्रीराम एएमसी के सीनियर फंड मैनेजर दीपक रामाराजू का कहना है, चार साल में पहली बार यूएस फेड ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की है. मार्केट को 25bps और 50bps के बीच रेट कट को लेकर अलग-अलग राय थी. हालांकि, यह कटौती सरप्राइज करने वाली रही.
फेड रेट कट का घरेलू बाजार पर पड़ने वाले असर की बात करें, तो घरेलू मोर्चे पर रिजर्व बैंक (RBI) डेटा पर फोकस करेगा और दिसंबर या वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. विदेशी निवेश (FII Inflow) शॉर्ट टर्म में बाहर की ओर जा सकता है और जैसे ही अमेरिकी डॉलर में नरमी आने लगेगी, भारतीय बाजारों में FII वापस आ सकता है. भारतीय बाजारों में पॉजिटिव ट्रेंड के साथ एक रेंज में रहने की उम्मीद है.
गोल्ड की कीमतों में आएगी चमक
कोटक सिक्युरिटीज के रिसर्च हेड (करेंसी, कमोडिटी एंड इंटरेस्ट रेट्स) अनिंद्य बनर्जी का कहना है, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 50bps की कटौती की है. यह एक ऐसा कदम है जिसकी काफी हद तक उम्मीद थी. यह इतिहास में केवल तीसरी बार है, जब फेड ने 50bps की कटौती के साथ रेट कट साइकल शुरू किया है. इससे पहले 2001 और 2007 में ऐसा हुआ था. हालांकि, यह कटौती ऐसे समय में हुई है जब इकोनॉमी अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है.
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उनका कहना है, शॉर्ट टर्म वॉलेटिलिट के बावजूद यूएस फेड के रेट कट से सोने और चांदी दोनों को फायदा होगा. डॉलर कमजोर हो रहा है और यील्ड कर्व तेज हो रहा है. सोने की कीमतें $2,530 और $2,630 प्रति औंस के बीच हो सकती हैं, जबकि चांदी $30 से $32 प्रति औंस के दायरे में कारोबार कर सकती है.
कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह का कहना है, यूएस फेड के ऐलान के बाद सोने की कीमत में रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया गया. इस पॉजिटिव लिया जाना चाहिए. ऐसा इसलिए ब्याज दरों में कटौती ने सोने के लिए जल्द ही नई ऊंचाइयों को छूने के दरवाजे खोल दिए हैं. इन्वेस्टमेंट के लिए गोल्ड फिर से बेहतर होगा. यानी, गोल्ड में निवेश बढ़ सकता है.
महंगाई में आ सकती है कमी!
यूएस फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के चलते डॉलर में नरमी आएगी. इसके उलट भारतीय रुपये में मजबूती देखने को मिलेगा. मजबूत रुपये के चलते आयात सस्ता होगा. इसके चलते एक तरफ जहां आयात की जाने वाली वस्तुएं एवं सेवाएं सस्ती होंगी. वहीं दूसरी ओर करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) कम हो सकता है. डॉलर कमजोर होने से खाद्य तेलों के साथ-साथ क्रूड ऑयल का आयात सस्ता होगा. इससे आने वाले समय में कीमतें कम हो सकती है, जिसके चलते महंगाई में नरमी आने की उम्मीद बढ़ेगी.
क्या बोले फेड चेयरमैन?
यूएस फेड ने ब्याज दरें घटाकर 4.75%-5% की रेंज में कर दी हैं. फेड मीटिंग में 12 में से 11 मेंबर्स 0.5% की कटौती के पक्ष में थे. 16 मार्च 2020 के इमरजेंसी कोविड रेट कट के बाद यह पहली कटौती है. इसके अलावा, फेड ने इस साल ब्याज दरों में और 0.5% की कटौती का संकेत दिया है. 2025 में 1% तक की कटौती का अनुमान है और 2026 में 0.5% की कटौती का अनुमान लगाया गया है.
रेट कटौती की घोषणा पर जेरोम पॉवेल ने कहा कि बड़े रेट कट का कॉन्फिडेंस इन्फ्लेशन काबू में आने से मिला है. फेड को विश्वास है कि आगे इन्फ्लेशन 2% के लक्ष्य तक गिरेगा. फेड का इरादा बेहद कम ब्याज दरों के युग में लौटने का नहीं है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मंदी की संभावना नहीं है. रोज़गार को सँभालने पर फोकस करेंगे रोज़गार और इन्फ्लेशन लक्ष्य हासिल करना "लगभग संतुलन में है". फिलहाल जॉब ग्रोथ में धीमापन दिख रहा है. बेरोज़गारी बढ़कर 4.4% तक जाने के संकेत हैं.
03:44 PM IST